Solar Panel Business Idea in India in Hindi

Solar Panel Business Idea in India in Hindi

दोस्तों आज इस पोस्ट “Solar Panel Business Idea in India in Hindi” में सोलर पैनल बिजनेस शुरू करने के बारे में सारी जानकारी प्राप्त करेंगे. यदि आप सोलर पैनल बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरूरी है आपको सबसे पहले यह जानना होगा कि आखिर सोलर एनर्जी क्या होती है? इसको किस तरीके से इस्तेमाल किया जाता है साथ ही आपको सोलर पैनल के बारे में भी जानना आवश्यक है। 

विषय- सूची

सोलर पैनल बिजनेस शुरू करने से पहले जाने यह जरूरी बातें

सोलर पैनल मे  बिजली कैसे बनती है ? साथ ही इनवर्टर के इस्तेमाल से डीसी करंट को एसी में परिवर्तित करके अपने घरेलू उपकरणों को बिजली प्रदान कर सकते हैं?  इन सभी के बारे में आपको जानना काफी आवश्यक है तभी जाकर आप एक अच्छा बिजनेस मॉडल तैयार कर पाएंगे। 

सोलर एनर्जी क्या है ? (What is Solar Energy)

सोनल एनर्जी का हिंदी में अर्थ सौर ऊर्जा होता है सूर्य की किरणों को परिवर्तित करके सौर ऊर्जा बनाई जाती हैं। सूर्य की किरणों को एक बिंदु पर केंद्रित किया जाता है उसके पश्चात इसका निर्माण किया जाता है। सूर्य  की  किरणों  को  विद्युत  में  परिवर्तित करना,   चाहे  वह  पी.  वी.   द्वारा  प्रत्यक्ष  रूप  से  हो  या  सी.  एस.  पी. द्वारा  अप्रत्यक्ष  रूप  से सी.  एस.  पी. में  सौर  ऊर्जा  उत्पन्न  करने  हेतु   लेंस  अथवा  दर्पणों  और  उपकरणों  की सहायता से इस को उत्पन्न किया जाता है। 

भारत को एक उष्णकटिबंधीय देश कहा जाता है ऐसा कहने का मुख्य कारण यह है कि क्योंकि हमें सूर्य से प्रकाश के रूप में ऊर्जा प्राप्त होती है  कटिबंधीय देशों की यह खासियत होती है कि वहां पर सूर्य क प्रकाश विकिरण के रूप में वर्ष भर प्राप्त होता रहता है। हमारे देश में सूर्य का प्रकाश 2300-3200 घंटे प्रतिवर्ष प्राप्त होता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत की ज्यादातर जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती हैं जहां पर सौर ऊर्जा काफी अधिक मात्रा में उत्सर्जित की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाधिक प्रकाश के रूप में प्राप्त ऊर्जा का उपयोग ज्यादातर कामों में किया जाता है जिस वजह से वहां पर वायु प्रदूषण भी नहीं होता है और काम भी सरलता से पूरे हो जाते हैं बिना किसी लागत के। 

भारत में सूर्य का प्रकाश प्राप्त करने के लिए बड़ी मात्रा में उद्योग स्थापित किए गए हैं क्योंकि भारत एक ऐसा देश है जहां पर सूर्य का प्रकाश पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाता है दैनिक जीवन में सर्वाधिक काम आने वाले अ नवीकरणीय पदार्थ कोयला, खनिज, पेट्रोल आदि का हम जितना इस्तेमाल करते हैं उससे कहीं गुना ज्यादा सूर्य के प्रकाश से उत्पन्न ऊर्जा व्यर्थ ही चली जाती है। 

सोलर एनर्जी  का प्रयोग बड़े बड़े कारखानों में कई तरीके के कार्य को पूरा करने के लिए किया जाता है अगर हम वर्तमान समय की बात करें तो सोलर एनर्जी का प्रयोग बहुत से कार्य को करने के लिए किया जा रहा है जैसे सोलर पैनल से बिजली बनाना, सोलर कुकर की मदद से खाना बनाना।

सोलर पैनल क्या है ? (What Is Solar Panel)

सोलर पैनल सोलर सेल के द्वारा बनाया  जाता है सोलर पैनल में छोटे छोटे सेल्स   लगे होते हैं जब सूर्य की रोशनी इन सेल्स पर पड़ती है तो सोलर पैनल मे बिजली बनती है  इस प्रकार छोटे-छोटे सेल्स मिलकर बड़ी मात्रा में बड़े सोलर पैनल बनाते है।  वर्तमान समय में सोलर पैनल की माँग बहुत अधिक बढ़ चुकी है  ज्यादातर लोग सोलर पैनल का उपयोग कर रहे  हैं।  साथ ही इसके उपयोग से किसी भी तरीके का कोई प्रदूषण नहीं होता है। 

1 किलो वाट के सोलर पैनल द्वारा संपूर्ण घर की बिजली की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है साथ ही सोलर पैनल की बैटरी आप  10 साल तक चला सकते हैं 10 साल के बाद ही आपको इसकी बैटरी चेंज करवानी पड़ती है। 

सोलर पैनल द्वारा बिजली कैसे बनती है ?

सोलर पैनल से बिजली बनाने के लिए निम्न विधियों से  गुजरना पड़ता है.

  •  सूर्य की ऊर्जा जब सौर पैनल  से टकराती है तो उसमें विद्युत का संचार होने लग जाता है यानी इसमें विद्युत क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। 
  •  इसके बाद यह बिजली इसके अंदर जुड़े तारों के अंदर प्रवाहित  होना शुरू हो जाती है। 
  •  जिस तार  में यह विद्युत क्षेत्र प्रवाहित होता है यह तार एक इनवर्टर से जुड़ा हुआ होता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सोलर पैनल सौर ऊर्जा को DC में बदलते हैं तथा जो इन्वर्टर लगा होता है वह इसको AC में बदलने का कार्य करता है।
  •  इनवेटर के साथ एक दूसरा तार भी जुड़ा हुआ रहता है जो आपके पूरे भवन में बिजली को आवश्यकता अनुसार अलग-अलग जगह पहुंचाने का कार्य करता है। 
  •  जैसे जैसे बिजली मीटर की तरफ आगे बढ़ने लगती है मीटर पीछे चलना प्रारंभ कर देते हैं जिसका परिणाम यह है रहता है कि रीडिंग  में अपने आप ही कमी होना शुरू हो जाती है। 

सौर पैनल कई छोटे फोटोवॉल्टिक कोशिकाओं की मदद से बनाए जाते हैं फोटोवॉल्टिक वह होते हैं जिसकी सहायता से सूर्य के प्रकाश को बिजली में आसानी से बदल  सकते हैं उसके अंदर सिलिकॉन धातु का प्रयोग किया जाता है जो बिजली को बनाए रखने के लिए काफी आवश्यक है। जब सूर्य का प्रकाश सिलिकॉन पर टकराता है तो फोटोन का उत्सर्जन होता है जिसकी सहायता से इलेक्ट्रॉनों का चक्र प्रारंभ हो जाता है सूर्य ऊर्जा स्वतंत्र रूप से बिजली में बहने लगती है। 

सोलर सेल पर नकारात्मक(-) और सकारात्मक(+) क्षेत्र बन जाते हैं इलेक्ट्रॉनों को एक निश्चित दिशा के अंदर प्रवाहित होने के लिए मदद करते हैं इसी को ऊर्जा प्रवाह के नाम से जाना जाता है। इसके बाद इलेक्ट्रॉन विद्युत का उत्पादन कर तारों के माध्यम से प्रभावित होने लगते हैं और यह डीसी प्रभाव उत्पन्न करते हैं। 

जैसा कि हमने ऊपर देखा था कि डीसी करंट को एसी में बदलने के लिए हम इनवर्टर का प्रयोग करते हैं इनवर्टर की सहायता से DC करंट को AC  में आसानी से बदल सकते हैं। इसके बाद बिजली पूरे घर में वितरित की जाती है।  लेकिन जब आपके सोलर पैनल की बिजली अधिक होती है तो यह ग्रिड को दे दी जाती है यानी जितनी बिजली ग्रिड में ट्रांसफर होती है उतनी ही रीडिंग पर अंकित हो जाती है लेकिन यदि आपको अधिक बिजली की आवश्यकता है तो वह बिजली आपको ग्रिड  से लेनी होगी लेकिन उसके लिए अधिक चार्ज की आवश्यकता होती है। 

अतः ऊपर बताए गए सभी तरीकों का प्रयोग करके सोलर पैनल की मदद से हम बिजली का निर्माण कर सकते हैं। 

सोलर पैनल कितने प्रकार के होते हैं ? (Types Of Solar Panel)

सोलर पैनल की बनावट और डिज़ाइन के आधार पर सोलर पैनल मुख्यता चार प्रकार के होते है. सोलर पैनल के बिज़नेस को करने से पहले सोलर पैनल के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है. आज के समय मार्केट में 4 तरह के सोलर पैनल देखने को मिलते हैं. आज इस पोस्ट में हम एक-एक कर सभी सोलर पैनल के बारे में जानेंगे. यह 4 तरह के सोलर पैनल नीचे दिए गए हैं.

(1)- मोनोक्रिस्टलाइन (Mono Crystalline)
(2)- पॉलीक्रिस्टलाइन (Poly Crystalline)
(3)- हाफ कट सेल (Half Cut Cell)
(4)- बाईफेशियल (Bifacial)

1- मोनोक्रिस्टलाइन (Mono Crystalline)

यह सोलर पैनल  दिखने में डार्क और काला होता है यदि इसके बनाने की बात की जाए तो इसको शुद्ध सिलिकॉन के द्वारा निर्मित किया जाता है मार्केट में इसको काफी अच्छा मटेरियल माना जाता है हालांकि यह पैनल दूसरे पैनलों की तुलना में काफी महंगे होते हैं इन पैनल में ऊर्जा देने की क्षमता सर्वाधिक होती है साथ ही इनसे किसी भी तरीके का कोई नुकसान होने की संभावना नहीं रहती है। 

कुछ सोलर पैनल होते हैं जो केवल सूर्य के प्रकाश से ही बिजली उत्पन्न कर पाते हैं लेकिन इन सोलर पैनल की एक बड़ी खासियत होती है कि जहां पर भी बादल होता है वहां पर भी यह अच्छे से काम करते हैं वह तो हम सभी जानते हैं कि अगर सूर्य का प्रकाश कुछ ज्यादा ही इन पर असर करता है लेकिन यदि मौसम खराब है तो यह कम क्षमता के साथ भी दूसरे पैनल की तुलना में अच्छी तरह कार्य करता है। 

इसमें टिकाऊपन  काफी अधिक पाया जाता है हम इसको 20 साल तक प्रयोग में ले सकते हैं 20 साल तक प्रयोग लेने के बाद हालांकि इसकी क्षमता कम हो जाती है लेकिन यह कार्य करना बंद नहीं करता है। यदि आपका बजट अच्छा है तो हम आपको यही सलाह देंगे कि आपको मोनो सोलर पैनल ही खरीदना चाहिए क्योंकि इसमें आपको 20 वोल्ट तक आउटपुट वोल्टेज मिल जाता है। 

1- पॉलीक्रिस्टलाइन (Poly Crystalline)

यह सोलर पैनल उन क्षेत्रों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है जहां पर सूर्य का प्रकाश अधिक मात्रा में पहुंचता है क्योंकि इस पैनल की यह खासियत होती है कि जितनी ज्यादा सूर्य का प्रकाश इसे मिलता है उतना ही अधिक मात्रा में यह बिजली का उत्पादन करता है। सोलर पैनल को अशुद्धि सिलिकॉन मटेरियल से बनाया जाता है यदि आप का इलाका ऐसा है जहां पर मौसम खराब रहता है यानी बादल वगैरह रहते हैं तो इसको आपको बिल्कुल भी नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि यह सस्ते प्राइस में आपको मिल जाता है लेकिन जहां पर सूर्य का प्रकाश नहीं रहता वहां पर यह इतना कार्यरत नहीं रहता है। सोलर पैनल को 15 से 20 साल तक बड़ी आसानी से काम ले सकते हैं। 

3- हाफ कट सेल (Half Cut Cell)

हाफ कट सोलर पैनल एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ बनाया गया है ज्यादातर सोलर पैनल 60 या 72 के बीच सेल्स के बने होते हैं लेकिन इस सोलर पैनल की एक बड़ी खासियत यह है कि इसको सेल्स में से बीच में काटा गया है यानि इसके सेल्स डबल हो गए है छोटे  सेल्स होने की वजह से रजिस्टेंस कम होता है रजिस्टेंस कम होने की वजह से पैनल की क्षमता बढ़ जाती है जिस से ज्यादा पावर मिल पाती है। 

जब हम एक नॉर्मल सोलर पैनल को इंस्टॉल करते हैं तो उसमें एक दिक्कत आती है क्योंकि उसमें सेल्स बड़े होने की वजह से पैनल में तनाव आ जाता है जिस कारण वह क्रैक हो जाता है और टूट जाता है लेकिन हाफ कट सोलर पैनल में ऐसा बिल्कुल भी देखने को नहीं मिलता है क्योंकि इसमें सेल्स बिल्कुल छोटे छोटे होते हैं जिससे ऐसी स्थिति कभी  उत्पन्न ही नहीं होती है। 

हाफ कट सोलर पैनल में आपको RFID  देखने को मिल जाती है, तथा उसके साथ आपको QR कोड देखने को मिल जाता है। हाफ  कट सोलर पैनल का वजन 23.5kg आता है सोलर पैनल में सामान्यता 144 सेल्स  मौजूद होते हैं। घर पर दो भागों में विभाजित होता है इसकी एक बात पर यदि छाया आ जाती है तो दूसरे भाग से लगातार बिजली उत्पन्न होती  रहती है। 

4- बाईफेशियल (Bifacial) बहुत प्रॉब्लम

यह सोलर पैनल आगे और पीछे दोनों तरफ से बिजली बना सकता है बाईफेशियल सोनल पैनल के पीछे से सनलाइट आने पर बिजली बन जाती है बाईफेशियल सोनल पैनल मे  मोनो फेशियल सोलर पैनल ज्यादा बिजली उत्पन्न करता है। बाईफेशियल सोलर पैनल के पीछे का सरफेस जितना अधिक अच्छा और सनलाइट को परिवर्तित करेगा यह सोलर पैनल उतनी ही मात्रा में पीछे से बिजली उत्पन्न करने में सक्षम रहेगा। 

सोलर पैनल के पीछे बेक शीट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है इसके पीछे पारदर्शी कांच का प्रयोग किया जाता है जिसकी सहायता से बिजली उत्पन्न की जा सकती है। बाईफेशियल सोलर पैनल सामान्य सोलर पैनल की मुकाबले में  30 % तक ज्यादा बिजली उत्पन्न करता है। 

सोलर सिस्टम कितने प्रकार के होते हैं ? ( Types Of Solar System)

सोलर पैनल के काम करने के तरीके और उपयोग के आधार पर सोलर पैनल तीन प्रकार के होते है. अब हम इन्हें भी एक एक कर जानेगे. ताकि जब आप इसके बुज़िनेस के बारे में प्लान करें तो, आप को सभी कुछ पता होना चाहिए .

1- ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System)
2- ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off Grid Solar System)
3- हाइब्रिड सोलर सिस्टम (Hybrid Solar System)

1- ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम (On Grid Solar System)

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन काफी आसान होता है घरों में हम इसका इंस्टॉलेशन बड़ी आसानी से कर सकते हैं।यह सिस्टम तब तक ही कार्य करता है जब तक आपके घर में बिजली की आपूर्ति रहती है बिजली कट जाने के बाद यह सिस्टम काम करना बंद कर देता है क्योंकि इस सिस्टम में किसी भी तरीके की बैटरी नहीं  लगी होती है

यदि आपके सोलर प्लांट पर आप के उपयोग से अधिक बिजली बनती है तो आप उस बिजली को बिजली  विभाग को बेच  सकते हैं। 

इस सिस्टम की सहायता से इनवर्टर से पैदा हुई बिजली मीटर के जरिए बिजली बोर्ड को भेज सकते है।  इसको एक उदाहरण से समझ सकते हैं माना  आपने 800 यूनिट की बिजली खर्च की और आपके सोलर सिस्टम ने कुल 500 यूनिट बिजली बनाई तो आपको सरकार को केवल 300 यूनिट का बिजली बिल ही देना पड़ेगा। अतः यह सिस्टम उन इलाकों के लिए बहुत अच्छा है जहां पर बिजली की सप्लाई 24 घंटे रहती है क्योंकि इससे आपको फायदा रहता है यदि आप बिजली की किल्लत वाली  जगह में इसको लगवा लेंगे तो आपको नुकसान ही भुगतना पड़ेगा।

2- ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम (Off Grid Solar System)

यह सोलर सिस्टम ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के बिल्कुल विपरीत होता है क्योंकि इस सोलर सिस्टम में आपको बैटरी की आवश्यकता होती है, साथ ही इस सोलर सिस्टम में आप सरकार को बिजली नहीं बेच सकते हैं यह केवल आपके घरेलू उपयोग के लिए ही बनाई जाती है। इस सोलर पैनल को आप सोलर इनवर्टर के साथ जोड़ते हैं। 

यह इनवर्टर सोलर  से आने वाले डायरेक्ट करंट को अल्टरनेटिव करंट में परिवर्तित कर देता है जिसकी सहायता से आप अपने घर में उपस्थित उपकरणों को प्राप्त बिजली से चला सकते हैं लेकिन इस ग्रिड  में आपको बहुत सारी बैटरी ओं की आवश्यकता होती है जो बैटरी लगाते हैं उनको दिनभर चार्ज किया जाता है और रात के समय सोलर पैनल को बैकअप देने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है

3- हाइब्रिड सोलर सिस्टम (Hybrid Solar System)

हाइब्रिड सोलर सिस्टम ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम दोनों की भांति कार्य करता है हाइब्रिड सोलर सिस्टम में यदि बिजली ज्यादा उत्पन्न हो जाती है तो आप इसे नेट मीटर की सहायता से ग्रिड  यानी खंबे मे  बिजली भेज सकते हैं इससे आपको यह फायदा होगा कि आप का बिजली का बिल भी कम हो जाएगा और साथ ही आपका सोलर पैनल की बैटरी चार्ज भी होती रहेगी। 

इस सोलर सिस्टम में जब आप की बैटरी फुल हो जाती है तो वह आपके घर में लगे उपकरणों को बड़ी आसानी से चलाने में सहायक होती है जिससे आपके घर में मीटर द्वारा बिजली कम खर्च होती है और आने वाला बिल भी आपका कम होगा। आपका यह सोलर सिस्टम जितना ज्यादा यूनिट बिजली ग्रिड  में भेजेगा आपका बिल उतना ही कम आएगा। 

भारत में सोलर पैनल या सौर उर्जा बिज़नेस कैसे शुरू करें (How to Start a Solar Energy Business in India in)

How to Start a Solar Energy Business in India

सोलर पैनल बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए अलग-अलग बिजनेस मॉडल का उपयोग किया जा सकता है. आज हम आपको Solar Panel Business Plan and Model की जानकारी देंगे. जिसके आधार पर आप यह निर्णय ले सकते हैं कि आपको सोलर पैनल का बिजनेस कैसे शुरू करना चाहिए. सोलर पैनल बिजनेस मॉडल की जानकारी नीचे दी गई है. जिसे आपको एक बार जरूर पढ़ना चाहिए.

वर्तमान समय टेक्नोलॉजी का युग है इस युग में बिना बिजली के भी आप अपने घर में टेलीविजन,  कूलर,  फ्रिज, पंखे आदि को बड़ी आसानी से चला सकते हैं। पहले के जमाने में बिजली की बहुत कीमत थी जिसके चलते लोग अपने घरों के उपकरणों को बिना बिजली के नहीं चला पाते थे लेकिन इस टेक्नोलॉजी के युग में सोलर पैनल आने से सब कुछ परिवर्तित हो गया है अब आप बिना बिजली की सहायता से भी अपने सोलर पैनल से घर में रखे उपकरणों को बिजली प्रदान कर सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह आप सोलर पैनल का बिजनेस कर सकते हैं वह एक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। 

सोलर बिज़नेस की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें:- Ranotech Solar

1- डीलरशिप बिजनेस मॉडल

 इस तरह के बिजनेस में आप डीलरशिप लेकर बिजनेस शुरू कर सकते हैं अब आप सोच रहे होंगे कि हमें डीलरशिप कौन देगा तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि बड़ी-बड़ी कंपनियां होती हैं जो अपने उपकरणों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए डीलर्स चाहती है इस काम को करने के लिए डीलर्स को थोड़ी इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता होती है साथ ही अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए उसे सेल्स  वर्कर की आवश्यकता होती है। 

 डीलरशिप लेने के लिए आपको कितना इन्वेस्टमेंट करना होगा यह पूरा उस कंपनी पर निर्भर करता है कुछ कंपनियां होती हैं जो आपको 40-50 हजार तक का इन्वेस्टमेंट करने को कहती है लेकिन ज्यादातर कंपनियां 2 से 3 लाख  की रेंज में ही आपको डीलरशिप प्रोवाइड करती है। जब आप डीलरशिप के लिए तैयार हो जाते हैं तो आपको सरकार की तरफ से लाइसेंस लेना पड़ता है साथ ही आपको कंपनी की तरफ से आपको ट्रेनिंग भी दी जाती है इसका मार्केट बड़ा होने की वजह से इसमें आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। 

2- डिस्ट्रीब्यूटरशिप बिजनेस मॉडल

इस तरह के बिजनेस मॉडल में आपको सोलर उपकरणों को डिसटीब्यूट करके मुनाफा कमाना होता है अतः आपको एक ऐसी कंपनी या मैन्युफैक्चर के पास जाना होता है जो अपने एरिया के क्षेत्र में सोलर उपकरणों को बेचने के लिए किसी डिस्ट्रीब्यूटर को इस काम के लिए रखते हैं आपको अपने एरिया के लोगों तक सोलर उपकरणों को बेचना होता है उसके बाद उससे जो मुनाफा रहता है वह आपको मिल जाता है। 

3- सोलर पैनल इंस्टॉलेशन और सर्विस मॉडल

सोनल पैनल इंस्टॉलेशन बिजनेस मॉडल में बहुत से व्यक्ति कार्यरत हैं लेकिन इसके लिए आपको इंस्टॉलेशन से जुड़ी सभी जानकारियां आना आवश्यक है इसके लिए आपको टेक्निकल वर्क की आवश्यकता होती है आजकल सोलर पैनल इंस्टॉलेशन वाले की बहुत आवश्यकता होती है क्योंकि कोई भी व्यक्ति नया सोलर पैनल लेकर आता है तो उसकी सबसे बड़ी दिक्कत यह रहती है कि वह इसका इंस्टॉलेशन कैसे करें लेकिन यदि आप यह वर्क जानते हैं तो आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। 

4- सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस मॉडल

इस तरह के बिजनेस को करने के लिए आपको बड़ी मात्रा में इन्वेस्टमेंट करने की आवश्यकता होती है क्योंकि सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस को करने के लिए आपको बड़ी मात्रा में रो मटेरियल और मशीनों की आवश्यकता होगी साथ ही उसको रखने के लिए जमीन की भी आवश्यकता पड़ेगी। लेकिन एक बात तो तय है जितना आप इन्वेस्टमेंट करते हैं उसमें मुनाफा उतना ही अधिक होता है तो इस बिजनेस में आपको बहुत ज्यादा मुनाफा होने वाला है। 

5- सोलर प्लांट प्रोजेक्ट डेवलपमेंट मॉडल

भारत में केंद्र अलग अलग राज्य की सरकारें सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए कई सारे सब्सिडी की योजना चला रही है, इसके लिए लोग छोटे-छोटे सोलर प्लांट स्थापित करते हैं. यदि आप सोलर प्लांट को स्थापित करने में लोगों की मदद कर सकते हैं तो प्लांट डेवलपमेंट कायर बिजनेस मॉडल आपके लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है. सोलर इंडस्ट्री में व्यापार के कुछ ऐसे अवसर उपलब्ध है जिनकी सहायता से आप बिजनेस शुरू कर सकते हैं, इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको सरकारी टेंडर और बड़ी कम्पनीज़ के साथ कार्य करना पड़ता है उदाहरण के लिए भारत पेट्रोलियम, रिलायंस टावर, इंडियन आयल जैसी कंपनियों के साथ जुड़कर आप इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं। 

सोलर पैनल बिजनेस स्टार्ट करने में कितना इन्वेस्टमेंट करना होता है ?

यदि आप को करना चाहते है तो यह आप के लिए बहुत ही अच्छा बिज़नेस साबित हो सकता है. सोलर बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जिसमें आप 50,000 हज़ार से लेकर 10 लाख तक का इन्वेस्टमेंट कर सकते है। यदि आप इसको बड़े लेवल पर शुरू करना चाहते हैं तो आपको कुछ अधिक इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता हो सकती है. यह एक ऐसा बिज़नेस भी भी है जिसे आप बिना पैसा खर्च किये बगैर भी शुरु कर सकते हैं. आप किसी कंपनी या डीलर के साथ जुड़ कर फ्रीलांसर भी इस काम को कर के काफी अच्छा कमीशन कमा सकते है.

सोलर पैनल बिजनेस में फायदा कितना होता है ?

यदि आप शुरुआत में ₹100000 तक का इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आप बड़ी आसानी से 20 -25 हज़ार कमा सकते हैं लेकिन यदि आप बड़ा इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो आप महीने के एक लाख से 2 लाख  तक भी कमा सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको 10 लाख से ऊपर का इन्वेस्टमेंट करना होगा। आप की इनकम आप की मेहनत और आप की जानकारी एवं अनुभव पर भी निर्भर करती है. इस लिए आप जितना अधिक मेहनत करेंगे और जितना अनुभव प्राप्त करेंगे, आप उतना अधिक पैसा कमा सकते है .

सोलर बिजनेस पैनल में सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी (Government Subsidies In The Solar Panel Business)

रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कई सारे कदम उठाते हैं. लोगों के अंदर जागरूकता लाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम और प्रशिक्षण का आयोजन करते हैं, साथ ही नवीनीकरण ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई सारी योजनाएं निकालकर आर्थिक रूप से की मदद करते हैं. केंद्र व राज्य सरकार सोलर पैनल सब्सिडी के माध्यम से भी काफी लाभ देती है. घरेलू और औद्योगिक एवं व्यवसायिक स्थानों पर सोलर पैनल लगाने के लिए अलग-अलग तरह की सब्सिडी योजना मौजूद है. यदि आप सोलर पैनल पर मिलने वाली सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको अपने नजदीकी रिन्यूएबल एनर्जी के ऑफिस में रिजल्ट करना चाहिए. साथ ही इसकी जानकारी रिन्यूएबल एनर्जी की आधिकारिक वेबसाइट से भी प्राप्त कर सकते हैं.

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दोस्तों, हमने आप के लिए यहाँ पर Solar Panel Business Idea की जानकारी दी है. अब आप को इनमे से किसी एक तरीके को चुनना होगा और उसके बारे में सीखना होगा. क्योंकी अगर आप बिना सीखे कोई काम करेंगे तो आप को सफलता नही मिलेगी. इसलिए आप को सबसे पहले इन कामों को सीखना होगा.

आप खुद पर भरोसा रखिये और मेहनत और इमानदारी से काम को करिए. निश्चित ही आप को सफलता मिलेगी.

इस सम्बन्ध में आप के कोई सवाल या सुझाव हों तो आप हमसे कमेंट बॉक्स ज़रूर पूँछ सकते है. हम आप के सवालों के जवाब पुरे दिल से देने की कोशिश करेंगे.

दोस्तों आशा करता हूँ आप को यह ब्लॉग “Solar Panel Business Idea in India in Hindi” ज़रूर पसंद आया होगा. आप अपने सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं. ताकि हम आप के लिए और भी अच्छे कंटेंट ले कर आ सकें. इस विषय से सम्बंधित अपने प्रश्न आप हमसे ज़रूर पूछे. हम आप के प्रश्नों का बेहतर जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे. इस ब्लॉग को ज़्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर ज़रूर करें. ताकि ज़्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें.

निष्कर्ष

आज की इस पोस्ट में हमने आपको सोलर पैनल बिजनेस के बारे में जुड़ी सभी जानकारी साझा की है क्योंकि वर्तमान समय मे सोलर पैनल की मांग बहुत ज्यादा बढ़ रही है यदि आप इस बिजनेस को 2022 में करने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है। 

क्योंकि हमने अपने आसपास यह देखा होगा कि आजकल प्रत्येक व्यक्ति सोलर पैनल की तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित हो रहा है और वह अपने घर के लिए इसकी खरीदारी कर रहा है इस बीच यदि आप यह बिजनेस शुरू करते हैं तो आपको अच्छा मुनाफा हो सकता है। क्योंकि आज के समय में सोलर पैनल का इस्तेमाल न केवल हम घर में उपकरणों को चलाने के लिए कर रहे हैं बल्कि अपने खेतों में पानी के लिए भी हम सोलर पैनल का इस्तेमाल कर रहे हैं और आने वाले समय में इसकी मांग और भी ज्यादा बढ़ने वाली है।

1 Comment

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