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रीवा में नशीली दवाओं का प्रचलन बढ़ा, कलेक्टर ने कड़ा रुख अपनाया: मेडिकल स्टोर संचालकों को दिए सख्त दिशा-निर्देश; अब दवा लेने के लिए डॉक्टर का पर्चा अनिवार्य

रीवा में नशीली दवाओं का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। कोरेक्स के बाद अब नशीली दवाओं की बिक्री पर सख्ती बढ़ाई जाएगी। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। नशीली दवाओं के बढ़ते प्रचलन के कारण युवा वर्ग इसकी चपेट में आ रहा है, और इसे रोकने के लिए अब प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है।

मेडिकल स्टोर्स को दिए गए सख्त निर्देश

कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि रीवा जिले में मेडिकल नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं और सिरप को जब्त किया है। उन्होंने मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे नशीली दवाओं का किसी भी रूप में दुरुपयोग न होने दें। कलेक्टर ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

डॉक्टर के पर्चे पर ही दवाएं दी जाएं

कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि कुछ दवाओं में ऐसे कैमिकल्स होते हैं जिनसे नशा किया जा सकता है। इसलिए, मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसी दवाएं केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही दें। अगर कोई व्यक्ति बार-बार ऐसी दवाएं लेने आता है, तो उसकी सूचना पुलिस को दी जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में 12 अक्टूबर के बाद निरीक्षण दल तैनात किया जाएगा।

कोड नंबर से ट्रैकिंग की व्यवस्था

कलेक्टर ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग जल्द ही दवाओं की फैक्ट्री से वितरण तक की ट्रैकिंग के लिए कोड नंबर की व्यवस्था शुरू कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य नशीली और प्रतिबंधित दवाओं की अवैध बिक्री को रोकना है। इसके उल्लंघन पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।

नारकोटिक्स एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई

कलेक्टर ने चेतावनी दी कि नशीली दवाओं की बिक्री करने वाले दवा विक्रेताओं पर नारकोटिक्स एक्ट और ड्रग प्राइस कंट्रोल एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, नशे के आदी व्यक्तियों के पुनर्वास के प्रयास भी किए जाएंगे। ऐसे व्यक्तियों की सूचना पुलिस या सामाजिक न्याय विभाग को अवश्य दी जाए।